ब्लौग सेतु....

14 अक्तूबर 2014

खुदा कि रजायें ..तय होती हैं -- वंदना सिंह


वफायें  ..जफ़ाएं   तय होती है 
इश्क में सजाएं  तय होती हैं 

पाना खोना हैं जीवन के पहलू 
खुदा की  रजाएं.. तय होती हैं 

ये माना... के गुनहगार हूँ मैं 
मगर कुछ खताएं तय होती हैं 

कोई मौसम सदा नहीं रहता 
जिन्दगी में हवाएं तय होती हैं 

होनी को चाहिए ...बहाना कोई 
अनहोनी कि वजहायें तय होती हैं !



8 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर प्रस्तुति...
    दिनांक 16/10/2014 की नयी पुरानी हलचल पर आप की रचना भी लिंक की गयी है...
    हलचल में आप भी सादर आमंत्रित है...
    हलचल में शामिल की गयी सभी रचनाओं पर अपनी प्रतिकृयाएं दें...
    सादर...
    कुलदीप ठाकुर

    जवाब देंहटाएं
  2. पाना खोना हैं जीवन के पहलू
    खुदा की रजाएं.. तय होती हैं
    ..बहुत खूब!

    जवाब देंहटाएं
  3. होनी को चाहिए ...बहाना कोई
    अनहोनी कि वजहायें तय होती हैं !

    ..........bahut hi behtreen aise hi likhti rahiye

    जवाब देंहटाएं

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