tag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post617758363333969052..comments2023-12-31T11:13:55.877+05:30Comments on कविता मंच: मेरे देश को आज क्या हो रहा हैkuldeep thakurhttp://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-29733597490847180792013-10-17T10:42:42.182+05:302013-10-17T10:42:42.182+05:30आभार आपका भाई साहब प्रसाद। यह वक्त वह है जब सच्चे ...आभार आपका भाई साहब प्रसाद। यह वक्त वह है जब सच्चे लोग झेल रहे अवसाद। जो चालाक हैं सच्चों को हाशिए पर रख रहे हैं। चाटकारिता और छल छद्म से अपनी प्रगति का इतिहास लिख रहे हैं। ये हालात संचमुच संगीन हैं। पर इनमें ही बहुतों की जिंदगी रंगीन है।Rajesh Tripathihttps://www.blogger.com/profile/17779862782096313498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-5376047780829825442013-10-17T10:40:33.241+05:302013-10-17T10:40:33.241+05:30आशा जी आभार की रचना आप तक पहुंच पायी। इस तरह से मे...आशा जी आभार की रचना आप तक पहुंच पायी। इस तरह से मेरे लिखने में सार्थकता नजर आयी। दरअसल आशाएं सारी खो रही हैं। दानवता कर रही है हास्य मानवता रो रही है। हम सुनहरे अतीत को भूल सपनों में जी रहे हैं। यानी अमृत को छोड़ हलाहल पी रहे हैं। Rajesh Tripathihttps://www.blogger.com/profile/17779862782096313498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-85785832498296701472013-10-17T10:38:02.887+05:302013-10-17T10:38:02.887+05:30भास्कर जी आपका आभार। इसी तरह बनाये रखिए अपना प्यार...भास्कर जी आपका आभार। इसी तरह बनाये रखिए अपना प्यार। देखिए न कितना बदल गया है इनसान। अब तो पैसे से बनती है किसी की पहचान। मानवता सिसकियां भर रो रही है। युवा पीढ़ी आदर्श सारे खो रही है। अगर यही है तरक्की की मिसाल।तो आने वाला वक्त करेगा और भी बेहाल।Rajesh Tripathihttps://www.blogger.com/profile/17779862782096313498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-8209530899234581052013-10-17T10:35:40.094+05:302013-10-17T10:35:40.094+05:30दर्शन जी मेरं भावों को पसंद करने के लिए बहुत-बहुत ...दर्शन जी मेरं भावों को पसंद करने के लिए बहुत-बहुत आभार। कितना बदल गया है संसार। मेरी कविता का भी है यही आधार। भारत कर रहा है आर्तनाद। गांधी के आदर्श अब किसे रहे याद। हम बस अपनी बरबादी देख रो रहे हैं.। कहते हैं प्रगति पथ पर हैं पर मानवता खो रहे हैं। Rajesh Tripathihttps://www.blogger.com/profile/17779862782096313498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-16446576975784471052013-09-23T07:23:49.310+05:302013-09-23T07:23:49.310+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
हमारी रचनाएँ तो उच्चारम पर ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />हमारी रचनाएँ तो उच्चारम पर लगी ही हैं। आप अपनी सुविधानुसार इन्हें मेरे नाम के साथ प्रकाशित कर सकते हैं।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-11825815777685936282013-09-22T20:01:45.114+05:302013-09-22T20:01:45.114+05:30!
बहुत सुन्दर सार्थक भावपूर्ण प्रस्तुति !
Latest p...!<br />बहुत सुन्दर सार्थक भावपूर्ण प्रस्तुति !<br />Latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/09/blog-post_22.html#links" rel="nofollow"> हे निराकार!</a><br />latest post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/09/blog-post_4650.html#links" rel="nofollow"> कानून और दंड</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-7728875021128950712013-09-22T12:03:24.428+05:302013-09-22T12:03:24.428+05:30सार्थक और भावपूर्ण,प्रभावी,रचना
सार्थक और भावपूर्ण,प्रभावी,रचना <br />डॉ सुरेश रायhttps://www.blogger.com/profile/15232356048388192259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-35921756289461057212013-09-22T06:54:07.616+05:302013-09-22T06:54:07.616+05:30भावपूर्ण और सुन्दर रचना |
आशा भावपूर्ण और सुन्दर रचना |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-4386142946072872942013-09-21T22:08:29.811+05:302013-09-21T22:08:29.811+05:30SATEEK ABHIVYAKTI .AABHAR SATEEK ABHIVYAKTI .AABHAR Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-44753513413270996092013-09-21T15:33:06.910+05:302013-09-21T15:33:06.910+05:30बहुत सुंदर रचना...
सादर।बहुत सुंदर रचना...<br />सादर।kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-77743513345900350412013-09-21T15:20:17.797+05:302013-09-21T15:20:17.797+05:30सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना ह !!
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना ह !!<br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com