tag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post6501906494854800320..comments2023-12-31T11:13:55.877+05:30Comments on कविता मंच: ‘ मन के घाव नये न ये ‘ (यमकदार लम्बी तेवरी- तेवर-शतक) +रमेशराजkuldeep thakurhttp://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-80227648077413302152016-09-18T14:35:46.104+05:302016-09-18T14:35:46.104+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-77637056849271626462016-09-16T15:33:27.148+05:302016-09-16T15:33:27.148+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (17-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (17-09-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "अब ख़ुशी से खिलखिलाना आ गया है" (चर्चा अंक-2468) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' <br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com