ब्लौग सेतु....

23 सितंबर 2014

मेरे शब्द -- शिवानी गौर

मेरे शब्द ,
अब
मुझसे भी कुछ नहीं कहते ,
चुप से खड़े हैं
परछाईयाँ थामे ,
कर दिया है
उनका श्राद्ध ,

प्रेम के मन्त्रों ने

 शिवानी गौर जी की कलम से निकली कुछ पंक्तियाँ


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