अंगारों पर चलकर देखे
दीपशिखा-सा जलकर देखे
गिरना सहज सँभलना मुश्किल
कोई गिरे, सँभलकर देखे
दुनिया क्या, कैसी होती है
कुछ दिन भेस बदलकर देखे
जिसमें दम हो वह गाँधी-सा
सच्चाई में ढलकर देखे
कर्फ़्यू का मतलब क्या होता
बाहर जरा निकल कर देखे
दीपशिखा-सा जलकर देखे
गिरना सहज सँभलना मुश्किल
कोई गिरे, सँभलकर देखे
दुनिया क्या, कैसी होती है
कुछ दिन भेस बदलकर देखे
जिसमें दम हो वह गाँधी-सा
सच्चाई में ढलकर देखे
कर्फ़्यू का मतलब क्या होता
बाहर जरा निकल कर देखे
सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (09-01-2018) को "हमारा सूरज" (चर्चा अंक-2843) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'