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25 सितंबर 2020

उड़ान ...श्वेता सिन्हा

चलो बाँध स्वप्नों की गठरी
रात का हम अवसान करें
नन्हें पंख पसार के नभ में
फिर से एक नई उड़ान भरें

बूँद-बूँद को जोड़े बादल
धरा की प्यास बुझाता है
बंजर आस हरी हो जाये
सूखे बिचड़ों में जान भरें

काट के बंधन पिंजरों के
पलट कटोरे स्वर्ण भरे
उन्मुक्त गगन में छा जाये
कलरव कानन में गान भरें

चोंच में मोती भरे सजाये
अंबर के विस्तृत आँगन में
ध्रुवतारा हम भी बन जाये
मनु जीवन में सम्मान भरें

जीवन की निष्ठुरता से लड़
ऋतुओं की मनमानी से टूटे
चलो बटोरकर तिनकों को
फिर से एक नई उड़ान भरें

-श्वेता सिन्हा

21 टिप्‍पणियां:

  1. काट के बंधन पिंजरों के
    पलट कटोरे स्वर्ण भरे
    उन्मुक्त गगन में छा जाये
    कलरव कानन में गान भरें
    बहुत ही लाजवाब सृजन
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  2. काट के बंधन पिंजरों के
    पलट कटोरे स्वर्ण भरे
    उन्मुक्त गगन में छा जाये
    कलरव कानन में गान भरें
    बहुत ही लाजवाब सृजन
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह श्वेता बहुत सुंदर! आशावादी दृष्टिकोण को संबल देती आपकी अपनी मन को मोहित करती शैली कहीं पाठक को बांध ही लेती हैं ।
    सुंदर सृजन मनभावन अभिव्यक्ति।

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  4. बहुत सुन्दर श्वेता ! निराशा से भरे इस कोरोना-संक्रमण काल में तुम्हारी आशावादी और नव-ऊर्जा प्रदान करने वाली कविता किसी प्यासे के लिए शीतल जल के एक पात्र के समान है.

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  5. निराशा से आशा की ओर ले जाती सुंदर सोच और सृजन ,सादर नमन आपको

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  6. चोंच में मोती भरे सजाये
    अंबर के विस्तृत आँगन में
    ध्रुवतारा हम भी बन जाये
    मनु जीवन में सम्मान भरें


    वाह !!!
    भावपूर्ण बहुत सुंदर रचना !!!

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  7. https://sonamotu.blogspot.com/2020/12/blog-post_69.html
    कृपया मेरी रचनाओं का अवलोकन कीजियेगा

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  8. http://ramprasadbismil.blogspot.com/2016/05/prem-ayodhya-singh-upadhyay-hariaudh.html#comment-form

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  9. वाह !!
    भावपूर्ण बहुत सुंदर रचना !!

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  10. HARIVANSH RAI BACHCHAN BEST POEM - STORY TELLER
    http://rajat6.blogspot.com › 2019/02 › h-arivansh-rai-b...

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