tag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post5216262460855474436..comments2023-12-31T11:13:55.877+05:30Comments on कविता मंच: आओ फिर कवितायें जी लें... रचनाकार राकेश खंडेलवाल kuldeep thakurhttp://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-52942143122352282942013-08-22T12:40:11.270+05:302013-08-22T12:40:11.270+05:30दुःख कवि हृदय को ईश्वर का वरदान है.
पीड़ा धुंध ...दुःख कवि हृदय को ईश्वर का वरदान है. <br /><br />पीड़ा धुंध अँधेरा काँटे<br />पांव पांव में पड़ी विवाई<br />मेरी पीड़ा तेरी पीड़ा<br />सबकी पीड़ा है दुखदाई<br /><br />ये पंक्तियाँ वहीँ से आती हैं , ह्रदय की जिस जगह को दुःख गहरा कर देता है ,<br /><br />अच्छी प्रस्तुति. meemaanshahttps://www.blogger.com/profile/01448224110676809874noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8525728233055104202.post-32815079020262394002013-08-10T21:04:50.372+05:302013-08-10T21:04:50.372+05:30कविता को तो जी भी ले सेकिन कविता के पीछे के दर्द क...कविता को तो जी भी ले सेकिन कविता के पीछे के दर्द को कैसे पीए Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16758905606510875826noreply@blogger.com