सौ संस्कारों के ऊपर भारी मजबूरी एक
आचरण बुरा ही सही पर है इरादे नेक!
खुद बोले खुद झुठलाये जो करे कह न पाए
अजब चलन चला जग में चक्कर में विवेक
भ्रष्टाचार से लड़ाई में हाल ये सामने आये
विजयी मुस्कान लिए सब रहे घुटने टेक!
आचरण बुरा ही सही पर है इरादे नेक!
खुद बोले खुद झुठलाये जो करे कह न पाए
अजब चलन चला जग में चक्कर में विवेक
भ्रष्टाचार से लड़ाई में हाल ये सामने आये
विजयी मुस्कान लिए सब रहे घुटने टेक!
मेहनत से डर कर खुद को मजबूर कहलवाए
जब तक मौका न मिले तब तक है सब नेक!
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर !
मैं आपके ब्लॉग को फॉलो कर रहा हूँ ताकि नियमित रूप से आपका ब्लॉग पढ़ सकू मेरे ब्लॉग पर आप सारद आमत्रित हैं आशा करता हूँ क़ि आपे सुझाव और मार्गदर्शन मुझे मिलता रहेगा
भ्रष्टाचार से लड़ाई में हाल ये सामने आये
जवाब देंहटाएंविजयी मुस्कान लिए सब रहे घुटने टेक ...
भुत खूब ... सच को लिखा है बाखूबी ... हर शेर मस्त लाजवाब ...