सारी रात.......
शब्द बुने...अर्थ गढ़े
दिन के उजाले मे
कुछ मानी तलाशे
और फिर.....
शाम की हथेली पर
बस खाली काग़ज़ रख दिया
....................
क्या वो नज़र
पढ़ पाएगी ये अफ़साना ?
लेखक परिचय - तूलिका शर्मा
शब्द बुने...अर्थ गढ़े
दिन के उजाले मे
कुछ मानी तलाशे
और फिर.....
शाम की हथेली पर
बस खाली काग़ज़ रख दिया
....................
क्या वो नज़र
पढ़ पाएगी ये अफ़साना ?
लेखक परिचय - तूलिका शर्मा
बहुत ही कमाल के शब्द ... कोरा कागज़ पढने वाले अक्सर नज़रों को पढ़ के समझ लेते हैं ...
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar
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