रावणों के राज में
[ वर्णिक छंद
में लम्बी तेवरी/तेवर चालीसा ]
+रमेशराज
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पागलों के साथ है
मानो आज राजनीति दानवों के साथ है। 1
आज मत पूछिए
भीम जैसा दल-बल कौरवों के साथ है। 2
तम-भरी रात में
हादसा-सा रोज एक दीपकों के साथ है। 3
कैसा है विकास ये
पेट-भर जल, जन
दो चनों के साथ है। 4
हड़पे कल खेत
आज भारी नाप-तौल पोखरों के साथ है। 5
झौपड़ी न तोडि़ए
देखिए उसे जो कार-कोठियों के साथ है। 6
मेघो जल दो वहाँ
माटी बीच खाद जहाँ अंकुरों के साथ है। 7
रेप की छपे न्यूज
फूल जैसी नारि एक लोफरों के साथ है। 8
कैसा ये लोकतंत्र
राजनीति जातपाँत कुनबों के साथ है। 9
क्रान्तिवाली चेतना
मीरजाफरों के आज वंशजों के साथ है। 10
बुद्धिजीवी चिन्तन
गाँजे और सुलफे की चिलमों के साथ है। 11
कैसी प्रतियोगिता !
दौड़ बीच देश पंगु धावकों के साथ है। 12
कीजे निजीकरण
कौन रहा इस युग शोषितों के साथ हैं?
13
मौत का नंग नाच
यम देवता वरुण रावणों के साथ है। 14
हर राग बेसुरा
काग जैसा स्वर आज कोयलों के साथ है। 15
फुटपाथ पै कर
सदभावना न आज खौमचों के साथ है। 16
जन को न रोटियाँ
नेता ब्रैड टोस्ट करी बोटियों के साथ है। 17
कैसे हो नदी पार
बिना पके फिर सोहनी घड़ों के साथ है। 18
कैसा है सुराज ये?
घोटालों की नेता आज चरचों के साथ है। 19
निवेश ले विदेशी
सोच मत सोच, देश
साँकलों के साथ है। 20
कैंचियों के देश में
एक भी कपोत कहाँ पै परों के साथ है?
21
आदमी को देख के
पेड़ बोले-देख ले कुल्हाडि़यों के साथ हैं। 22
द्रौपदी बिकी देख
दुःशासन सभा बीच ठहाकों के साथ है। 23
चाकू-छुरी हाथ में
आज का इन्सान यूँ मजहबों के साथ है। 24
कोठरी में साधु की
‘रेप’ बाजे ढोल ताशे चीमटेों के साथ है। 25
संत है विरागी यूँ
ब्रह्मचर्य चार-चार बीवियों के साथ है। 26
झपटेगा जरूर
आज यदि चुप बाघ मैमनों के साथ है। 27
पौध मत रोप तू
भूमि उपजाऊ कहाँ कंकड़ों के साथ है। 28
घौंसला तभी बने
जुड़ा हुआ हर तृण जो तृणों के साथ है। 29
हम में दाग नहीं
बोल रहा वह आज जो छलों के साथ हैं 30
‘बम’-सा मत रख
जहाँ हर किस्सा किलकारियों के साथ है। 31
सुख-संघर्ष बीच
हर्ष जैसी भावना भी तो दुःखों के साथ है। 32
चाल दुष्ट द्रोण की
एकलव्य आज कटे बाजुओं के साथ है। 33
हम रहे होश में
बहकी हुई जिन्दगी मैकशों के साथ है। 34
त्याग से रहे दूर
ध्यान शान आन बान तो मठों के साथ है। 35
रावणों के राज में
पाँव-बलविहीनता अंगदों के साथ है। 36
कैसा समूह-गान?
आदमी भी रैंक रहा गर्दभों के साथ है। 37
कैसी कदमताल?
एक भी न पग मग में मगों के साथ है। 38
मुर्दों में डालें जान
हौसला हमारा आज बेबसों के साथ है। 39
लोग पायलों बीच
तेवरी की भावना व्याकुलों के साथ है। 40
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+रमेशराज,15/109,
ईसानगर, अलीगढ़-202001
Mo.-9634551630
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