मुझ को भिगोती है बुँदे......
तुम्हारा प्यार बन कर......
मुझे छूती बुँदे.....
तुम्हारा एहसास बन कर....
कुछ कहती है बुँदे.....
तुम्हारी आवाज़ बन कर.....
मुझ पर ठहरती है बुँदे....
तुम्हारी नजर बन कर.....
मुझे थामती है ये बुँदे....
तुम्हारी बाहें बन कर....
मेरे होटों पर बिखर जाती है बुँदे....
तुम्हारी कविता बन कर....
हर कोई अनजान है इनसे.....
मेरे आंसुओं में घुल जाती है बुँदे.....
बहुत रुलाती है बुँदे......
तुम्हारी याद बन कर.....
लेखक परिचय - सुषमा "आहुति"
बहुत खुबसूरत एहसास
जवाब देंहटाएंआस्था और ज्ञान !
newpost कहानी -विजयी सैनिक
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंअद्भुत प्रणय - गीत । बधाई ।
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