ब्लौग सेतु....

6 फ़रवरी 2015

कुछ कहती है बुँदे --सुषमा "आहुति"


मुझ को भिगोती है बुँदे......        
तुम्हारा प्यार बन कर......
मुझे छूती बुँदे.....
तुम्हारा एहसास बन कर....
कुछ कहती है बुँदे.....
तुम्हारी आवाज़ बन कर.....
मुझ पर ठहरती है बुँदे....
तुम्हारी नजर बन कर.....
मुझे थामती है ये बुँदे....
तुम्हारी बाहें बन कर....
मेरे होटों पर बिखर जाती है बुँदे....
तुम्हारी कविता बन कर....
हर कोई अनजान है इनसे.....
मेरे आंसुओं में घुल जाती है बुँदे.....
बहुत रुलाती है बुँदे......
तुम्हारी याद बन कर.....

लेखक परिचय - सुषमा "आहुति"

3 टिप्‍पणियां:

स्वागत है आप का इस ब्लौग पर, ये रचना कैसी लगी? टिप्पणी द्वारा अवगत कराएं...