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23 जुलाई 2014

एक गजल

प्यार की बातें करें
राजेश त्रिपाठी
 
सिर्फ लफ्फाजी हुई है अब तलक।
आइए अब काम की बातें करें।।
कदम तो उठ गये जानिबे मंजिल मगर।
पेशेनजर है जो उस तूफान की बातें करें।।
कोठियों में तो रोशनी चौबीस घंटे है।
अब जरा झोंपड़ी की शाम की बातें करें।।
रेप, मर्डर, लूट का अब बोलबाला है जहां।
शांति के उस दूत हिंदोस्तां की बातें करें।।
योग्यता है पस्त, चमचों की चांदी हो जहां।
नये इस आगाज के अंजाम की बातें करें।।
मेहनतकशों के पसीने के गारे से बनी हैं कोठियां।
फुटपाथ पर जिसका हो बसर,अवाम की बातें करें।।
हर सिम्त, हर शख्स के हाथों में खंजर है जहां।
नफरतों के उस बियबां में, प्यार की बातें करें।।
स्वार्थ के साये में जहां, पिस रही है जिंदगी।
उस बुरे हालात में, उपकार की बातें करें।।
मजहब के नाम पर जो, मुल्क को बांटा किये।
आइए अब तो उसके, परिणाम की बातें करें।।
जुल्म सहते रहे जो, मुसलसल मुल्क में।
उनके सीने में घुमड़ते, तूफान की बातें करें।।
एक मकसद, एक जज्बा, एकता का संदेश दे।
आइए अब उस पयामे, खास की बातें करें।।
देश के हालात , बद से बदतर हो रहे।
हालात ये बदलें, आओ अब ऐसी  बात करें।।
हाथ में ले फूल, दोस्ती हम चाहते।
एक ऐसा मुल्क, पीठ पीछे जो घातें करे।।
लिखने से हालात अब बदलेंगे नहीं।
फिर भला क्यों हम बेकार की बातें करें।।
फर्ज समझा इसलिए यह लिख दिया।
आपका क्या, आप बस बहार की बातें करें।।
आग ये आपके दामन तक  पहुंचेगी हुजूर।
आइए अब मुल्क के उद्धार की बातें करें।।

10 टिप्‍पणियां:

  1. प्रिय शास्त्री जी नमस्कार। मेरी रचना को सराहने के लिए आभार। इसी तरह बनाये रखिए अपने आशीष और प्यार।
    आपका
    राजेश त्रिपाठी

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  2. मन के भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने...

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    1. प्रिय सुषमा जी धन्यवाद. आभार। आपको भाये मेरे विचार। आपका प्रोत्साहन देगा हमें और बेहतर करने का आधाऱ। धन्यवाद, आभार।

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  3. देश के हालात , बद से बदतर हो रहे।
    हालात ये बदलें, आओ अब ऐसी बात करें।।
    .... सबको मिलकर ही ये सूरत बदलनी होगी

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    उत्तर
    1. प्रिय कविता जी आपका आभार। आपसे हमेशा ऐसा ही प्रोत्साहना मिलने की कामना है। क्योंकि इससे हममें जगती आगे कुछ लिखने की भावना है आपको धन्यवाद, आभाऱ।

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  4. उत्तर
    1. प्रिय प्रतिभा जी आपका धन्यवाद और आभार। मेरे विचार आपको भाये जानकर प्रसन्नता हुई। आप ऐसे ही हमारा हौसला बढ़ाती रहेंगी यही कामना है।

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  5. ब्लॉग बुलेटिन की आज गुरुवार २४ जुलाई २०१४ की बुलेटिन -- बढ़ो मौन तोड़ने के लिए– ब्लॉग बुलेटिन -- में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार!

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  6. संजय जी धन्यवाद। आपने हमेशा हमें प्रोत्साहन दिया है। मेरे विचार आपको भाये यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है। .यों ही ल्नेह भाव बनाये रखिएगा।

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  7. प्रिय सेंगर जी आभार। यह आपका प्यार है कि आपने हमारे शब्दों को सराहा इन्हें व्यापक फलक दिया। ऐसे ही हौसला बढ़ाते रहिएगा।

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