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16 सितंबर 2014

फांसी - श्याम कोरी 'उदय'


बहुत हो गया, एक काम करो -
चढ़ा दो
उसे फांसी पर !

क्यों, क्योंकि -
वह गांधीवादी तो है
पर तालीबानी गांधीवादी है !

वह अहिंसा का पुजारी तो है
पर हिटलर है !

वह बहुत खतरनाक है !
क्यों, क्योंकि -
वह खुद के लिए नहीं
आम लोगों के लिए लड़ रहा है !

ऐंसे लोग बेहद खतरनाक होते हैं
जो खुद के लिए न लड़कर
आम लोगों के लिए लड़ते हैं !

वह किसी न किसी दिन
हमारे लिए
खतरा साबित होकर रहेगा !

जितना बड़ा खतरा आज है
उससे भी कहीं ज्यादा बड़ा खतरा !

इसलिए -
जाओ, पकड़ के ले आओ उसे
ड़ाल दो, किसी अंधेरी काल कोठारी में !

और तो और, मौक़ा मिलते ही -
चढ़ा दो
उसे फांसी पर !!


लेखक परिचय -- श्याम कोरी 'उदय'


2 टिप्‍पणियां:

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