भीगे गीले शब्द
जिन्हें मैं छोड़ चुका था
हर रिश्ते नाते
जिनसे मैं तोड़ चुका था
सोचा था कि
अब नहीं आऊँगा उनके हाथ
पर आज महफ़िल जमाए बैठा हूँ
फिर से
भीगी रात में
उन्हीं भीगे शब्दों के साथ.... !!
कविता मंच प्रत्येक कवि अथवा नयी पुरानी कविता का स्वागत करता है . इस ब्लॉग का उदेश्य नये कवियों को प्रोत्साहन व अच्छी कविताओं का संग्रहण करना है. यह सामूहिक
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Bhut bhawpurn ... Sunder prastuti !!
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंदिनांक 29/09/2014 की नयी पुरानी हलचल पर आप की रचना भी लिंक की गयी है...
हलचल में आप भी सादर आमंत्रित है...
हलचल में शामिल की गयी सभी रचनाओं पर अपनी प्रतिकृयाएं दें...
सादर...
कुलदीप ठाकुर
धन्यवाद संजय जी मेरी रचना को कविता मंच पर स्थान देने के लिए !
जवाब देंहटाएंआभार ! :)
वाह ....बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंnice post.
जवाब देंहटाएंPlease visit here also - http://hindikavitamanch.blogspot.in/
सुंदर
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