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15 सितंबर 2015

दिये का रिश्‍ता देखो बाती से -- सदा


सजती है रंगोली आंगन में,
कण-कण में ये विश्‍वास लेकर,
जलेगा दीप शुभकामना का
अपनी उम्‍मीदों का
प्रकाश लेकर
भावनाओं की बाती को
स्‍नेह से दिये ने
अपने मस्‍तक लिया जब भी
'' तमसो मा ज्‍योतिर्गमय ''
का संदेश 'दीप' ने सदा
अंतिम श्‍वास तक दिया
 दिये का रिश्‍ता
देखो बाती से कितना गहरा है,
अंधकार नीचे जाकर ठहरा है !
आलोकमय हो इनके रिश्‍ते सा
हर जीवन इनके साये में देखो तो
खुशियों का पहरा है !!

लेखक परिचय - सदा



9 टिप्‍पणियां:

  1. दिये का रिश्‍ता
    देखो बाती से कितना गहरा है,
    अंधकार नीचे जाकर ठहरा है !
    आलोकमय हो इनके रिश्‍ते सा....waah bahut badhiya !

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  2. जीवन की निरंतरता का सन्देश देता है दीया बाती
    बहुत सुन्दर रचना ...

    जवाब देंहटाएं

  3. आप की लिखी ये रचना....
    24/09/2015 को लिंक की जाएगी...
    http://www.halchalwith5links.blogspot.com पर....
    आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित हैं...


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