कारण
दर्द नहीं है कोई मौका किसी को युहीं जो मिल जाये
फूल नदी या हवा का झोंका बस युहीं जो चल जाये
फूलों के बिस्तर वाले इसकी कीमत क्या जानेंगे
दर्द उसी को मिलता है जो मरते मरते भी जी जाये ।
फूल नदी या हवा का झोंका बस युहीं जो चल जाये
फूलों के बिस्तर वाले इसकी कीमत क्या जानेंगे
दर्द उसी को मिलता है जो मरते मरते भी जी जाये ।
दर्द नहीं है लक्ष्य किसी का पाकर जो वो इतराए
नहीं है उत्कंठा कोई जो चखकर देखी ही जाये
कहने वाले कहते हैं की दर्द का कारण ये वो है
नहीं है ये दौलत कोई किसी को यूँ ही दी जाये।
नहीं है उत्कंठा कोई जो चखकर देखी ही जाये
कहने वाले कहते हैं की दर्द का कारण ये वो है
नहीं है ये दौलत कोई किसी को यूँ ही दी जाये।
दर्द नहीं है जिज्ञासा कि जिसको छूकर देखा जाये
नहीं दर्द कि परिभाषा कि जिससे समझ में आ जाये
ये तो उपपरिणाम है किसी लक्ष्य के पीछे का
जितनी ज्यादा हो लगी लगी ये उतना ही बढ़ता जाये।
नहीं दर्द कि परिभाषा कि जिससे समझ में आ जाये
ये तो उपपरिणाम है किसी लक्ष्य के पीछे का
जितनी ज्यादा हो लगी लगी ये उतना ही बढ़ता जाये।
जितनी गहराई से सोचा कि इस मंज़िल को पा जाये
दुनिया सारी छूटे मुझसे पर ये आँचल में आ जाये
रास्ता छूटे या देर लगे ये पीड़ा का उद्गगम भर है
जितना विशेष हो कारण वो उतना ही हमको है तडपाये।
दुनिया सारी छूटे मुझसे पर ये आँचल में आ जाये
रास्ता छूटे या देर लगे ये पीड़ा का उद्गगम भर है
जितना विशेष हो कारण वो उतना ही हमको है तडपाये।
अपनी चाहत को लेकर के संदेह कभी जो आ जाये
तो लेना दिल में झांक जरा सा दर्द कहीं जो मिल जाये
बस यही निशानी है उसकी कि सच्चा था विश्वास तुम्हे
जीवन पुष्पित फिर हो जाये जो तार दिलों में हिल जाये।
तो लेना दिल में झांक जरा सा दर्द कहीं जो मिल जाये
बस यही निशानी है उसकी कि सच्चा था विश्वास तुम्हे
जीवन पुष्पित फिर हो जाये जो तार दिलों में हिल जाये।
दर्द नहीं कोई धोखा जो तुमको कोई भी दे जाये
कितना था तुमने प्रेम किया उसका परिमाण बता जाये
जब कम था तब ये थोड़ा था जब ज्यादा था तो बहुत मिला
अपने जीवन कि सत्यकथा ये दर्द हमें ही बतलाये ॥
कितना था तुमने प्रेम किया उसका परिमाण बता जाये
जब कम था तब ये थोड़ा था जब ज्यादा था तो बहुत मिला
अपने जीवन कि सत्यकथा ये दर्द हमें ही बतलाये ॥
दर्द नहीं है कोई मौका किसी को युहीं जो मिल जाये॥॥॥
===========१४ जून २०१६ को लिखित
जय मां हाटेशवरी...
जवाब देंहटाएंअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 29/07/2016 को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
धन्यवाद कुलदीप जी आपके कीमती समय और उपयुक्त अवसर के लिए।
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (29-07-2016) को "हास्य रिश्तों को मजबूत करता है" (चर्चा अंक-2418) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद श्रीमान जी आपके कीमती समय और उपयुक्त दिए गए अवसर के लिए।
हटाएंवाह..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
सादर
धन्यवाद आपका
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
जवाब देंहटाएंhttps://www.facebook.com/MadanMohanSaxena
धन्यवाद् भाई जी. हम अवश्य ही आपके दिए गए लिंक का अनुसरण करेंगे।
हटाएंआभार..
http//:yaaden.in