जब मै जन्मा तो मेरे लबो सबसे पहले तेरा नाम आया,
बचपन से जवानी तक हर पल तेरे साथ बिताया.
लेकिन पता नहीं तू कहा चली गयी रुशवा होकर,
की आज तक तेरा कोई पौगाम ना आया.
मै तो सोया हुआ था बेफिक्र होकर,
और जब जागा तो न तेरी ममता, ना तुझे पाया.
मुझसे क्या ऐसी खता हो गयी,
जिसकी सजा दी तूने ऐसी की मै सह ना पाया.
तू छोड़ गयी मुझे यु अकेला,
मै तो तुझे आखरी बार देख भी ना पाया.
तू तो मुझे एक पल भी छोड़ती नहीं थी,
फिर तूने इतना लम्बा अरसा कैसे बिताया.
तू इक बार आ जा मुझसे मिलने,
देखना चाहता हूँ माँ तेरी एक बार काया.
Dil see Nikali anubhooti.
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंआभार आप का।
Aapaka Bahoot-Bahoot Aabhar Sanjay ji
जवाब देंहटाएंShukriya Kuldeep ji
जवाब देंहटाएं