🌹साथ तुम्हारा 🌹
कल तक जो किनारे थे,
अब सहारे बन गए है |
विरान थी दुनिया मेरी,
अब खुशियों के नजारे बन गए हैं
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए है |
वक्त की धुप में ,सूखने लगी है,
अब गम की चादर ,
दुख भी अब सहारे बन गए हैं |
विरह मे छलके थे कभी जो आँसू ,
अब मिलन मोती बन गए हैं |
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए हैं |
जी. एस. परमार
कल तक जो किनारे थे,
अब सहारे बन गए है |
विरान थी दुनिया मेरी,
अब खुशियों के नजारे बन गए हैं
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए है |
वक्त की धुप में ,सूखने लगी है,
अब गम की चादर ,
दुख भी अब सहारे बन गए हैं |
विरह मे छलके थे कभी जो आँसू ,
अब मिलन मोती बन गए हैं |
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए हैं |
जी. एस. परमार
अति सुंदर...
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी...
जवाब देंहटाएंअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 09/08/2016 को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।