मेरे गीतों को दे दो मधुर रागिनी, मेरे सपनों को होने साकार दो।
सारी दुनिया की खुशियां मिल जायेंगी, तुम गर जरा मुझे प्यार दो।।
कामनाएं तड़पती, सिसकती रहीं।
जिंदगी इस कदर दांव चलती रही।।
हम वफाओं का दामन थामे रहे।
हर कदम जिंदगी हमको छलती रही।।
एक उजडा चमन है ये जीवन मेरा, फिर संवरने का इसको आधार दो। (सारी दुनिया...)
प्रार्थनाएं सभी अनसुनी रह गयीं।
याचनाएं न जाने कहां खो गयीं।।
हर तमन्ना हमारी अधूरी रही।
गम का पर्याय ये जिंदगी हो गयी।।
जिंदगी जिसके खातिर तरसती रही, सुख का वही मुझको संसार दो। (सारी दुनिया...)
खुलें जब तुम्हारे नयन मदभरे।
जैसे सूरज को फिर से रवानी मिले।।
मुसकराओ तो ऐसा एहसास हो।
फूलों को इक नयी जिंदगानी मिले।।
एक मूरत जो है कल्पना में बसी, उसे रंग दो, आकार दो। (सारी दुनिया...)
कल्पनाओं को मेरी नयी जान दो।
गीतों को इक नया उनमान दो।।
दो मुझे जिंदगी के नये मायने।
मेरे होने की इक पहचान दो।।
जिसकी यादों में जागा किये ये नयन, उसी रूप का उनको दीदार दो। (सारी दुनिया...)
सुन्दर काव्य रचना ।। आभार।
जवाब देंहटाएंनई कड़ियाँ : ब्लॉग से कमाने में सहायक हो सकती है ये वेबसाइट !!
ज्ञान - तथ्य ( भाग - 1 )
हर्षवर्धन जी मेरे भावों को सरहाने के लिए धन्यवाद। आप जैसे सुधी गुणग्राहकों की प्रशंसा अच्छा लिखने के प्रेरित करती है। आपका पुनः आभाऱ। इसी तरह बनाये रखिएगा अपना प्यार।
हटाएंसुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजय जी। आपका आभार कि आपको अच्छे लगे मेरे भाव। ऐसे ही बीच-बीच में देते रहिएगा अमूल्य सुझाव।
हटाएंबहुत ही सार्थक प्रस्तुती आदरणीय
जवाब देंहटाएंआभार, धन्यवाद। आपकी यह सराहना सदा रहेगी याद।
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