बेटियो से
मधु मिश्रित ध्वनि से पुछा
कहाँ से लाती हो,
ये मेआर
ये मेआर
नाशातो की सहर
हुनरमंद तह.जीब,और तांजीम
सदाकत,शिद्दतो की मेआर,
जी..
मैने हँस कर कहाँ
मेरी माँ ने संवारा..
उसी ने बनाया है
स्वयं को कस कर
हर पलक्षिण में
इक नई कलेवर के लिए
शनैः शनैः पोशाक बदल कर
औरो को नहीं
बस..
इल्म इस बात की
कमर्जफ हम नहीं
हमी से जमाना है...
© पम्मी
© पम्मी
जी बहुत,बहुत धन्यवाद,सर.
जवाब देंहटाएंक्या बात है...
जवाब देंहटाएंबहुत बड़िया।
Ji,dhanyvad..
जवाब देंहटाएंक्या बात है...
जवाब देंहटाएंJi,dhanyvad...
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंसादर
Ji,dhanyvad
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