शायद
आज नहीं, वो घड़ी है आई
हम पहुंचे
नई दिल्ली भाई
फिर भी
कोशिश होगी अपनी
जल्द हों
हम
दिल्ली में भाई !
आज नहीं
तो कल आना है
हमको भी
दिल्ली आना है
आज नहीं
वो घड़ी नहीं है
रेल नहीं है, टिकट नहीं है
पर
दिल्ली हमसे दूर नहीं है !
एक दिन
हम भी आएंगे
दिल्ली में, हम भी छाएंगे
गीत वहीं, संगीत वहीं है
रण वहीं, और जीत वहीं है
निकट नहीं, पर विकट नहीं है
दिल्ली, हमसे दूर नहीं है !
पर, आज नहीं, वो घड़ी है आई
हम पहुंचे, नई दिल्ली भाई !!
लेखक परिचय - श्याम कोरी 'उदय'
आज नहीं, वो घड़ी है आई
हम पहुंचे
नई दिल्ली भाई
फिर भी
कोशिश होगी अपनी
जल्द हों
हम
दिल्ली में भाई !
आज नहीं
तो कल आना है
हमको भी
दिल्ली आना है
आज नहीं
वो घड़ी नहीं है
रेल नहीं है, टिकट नहीं है
पर
दिल्ली हमसे दूर नहीं है !
एक दिन
हम भी आएंगे
दिल्ली में, हम भी छाएंगे
गीत वहीं, संगीत वहीं है
रण वहीं, और जीत वहीं है
निकट नहीं, पर विकट नहीं है
दिल्ली, हमसे दूर नहीं है !
पर, आज नहीं, वो घड़ी है आई
हम पहुंचे, नई दिल्ली भाई !!
लेखक परिचय - श्याम कोरी 'उदय'
सुंदर अति सुंदर...
जवाब देंहटाएंपर
जवाब देंहटाएंदिल्ली हमसे दूर नहीं है !
वाह..
सच में