बिहार में बंद हुई मधुशाला | |||
नितीश जी ये आपने क्या कर डाला | |||
बिहार में क्यों बंद की मधुशाला | |||
रोज़ शाम को वो मधुशाला में मिलना | |||
मदहोशी के आलम में वो चेहरे खिलना | |||
क्यों छीन लिया गरीब से ज़ाम का प्याला | |||
बिहार में क्यों बंद की मधुशाला | |||
अब कहाँ से मिलेगा वो दीवानापन | |||
जब गैरों से मिलता था अपनापन | |||
अब तो लगता है जैसे हो हर दिन काला | |||
बिहार में क्यों बंद की मधुशाला | |||
एक ज़ाम से ही निकलता था नागिन डांस | |||
बच्चे , बूढ़े कोई न छोड़ते थे चांस | |||
ऐसे में अप्सरा लगती थी हर बाला | |||
बिहार में क्यों बंद की मधुशाला | |||
शादी समारोह सब हो अब गए बेरंग | |||
बिना डांस के शादी की खो गयी उमंग | |||
दूर दूर रहते हैं जीजा हो या साला | |||
बिहार में क्यों बंद की मधुशाला | |||
अब दिल ने धड़कना सा छोड़ दिया | |||
जब तक ये मधु न पीया तो क्या पीया | |||
बिना सुरा अब मुंह में नहीं जाता निवाला | |||
बिहार में क्यों बंद की मधुशाला | |||
धर्म, जाति के ऊपर था भाईचारा | |||
जो ज़ाम पिलाता वो था प्राण प्यारा | |||
प्रेम के इस भाव से खुश था ऊपरवाला | |||
बिहार में क्यों बंद की मधुशाला | |||
खुशनुमा चेहरों का नूर अब खो गया | |||
इतने अच्छे बिहार को ये क्या हो गया | |||
बीते दिन लौटेंगे ये सपना सबने है पाला | |||
बिहार में फिर शुरू होगी मधुशाला |
कविता मंच प्रत्येक कवि अथवा नयी पुरानी कविता का स्वागत करता है . इस ब्लॉग का उदेश्य नये कवियों को प्रोत्साहन व अच्छी कविताओं का संग्रहण करना है. यह सामूहिक
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2 जून 2016
बिहार में बंद मधुशाला (हास्य )
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Bahut bahut dhanywaad
जवाब देंहटाएंखुशनुमा चेहरों का नूर अब खो गया
जवाब देंहटाएंइतने अच्छे बिहार को ये क्या हो गया
वाह... क्या बात है
सादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (03-06-2016) को "दो जून की रोटी" (चर्चा अंक-2362) (चर्चा अंक-2356) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह, मज़ेदार
जवाब देंहटाएंsabhi ka Bahut bahut dhanywaad
जवाब देंहटाएंप्रभावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है।
Good
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