ब्लौग सेतु....

18 मई 2017

तेवरी




तेवरी 
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सूखा का कोई हल देगा
मत सोचो बादल जल देगा |
जो वृक्ष सियासत ने रोपा
ये नहीं किसी को फल देगा |
बस यही सोचते अब रहिए
वो सबको राहत कल देगा |
ये दौर सभी को चोर बना
सबके मुख कालिख मल देगा |
वो अगर सवालों बीच घिरा
मुद्दे को तुरत बदल देगा |
उसने हर जेब कतर डाली
वो बेकल को क्या कल देगा |

+रमेशराज 

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