तेरे चरनन पर बलिहारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
कृपा तेरी का बनु मैं अधिकारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
तेरे दर्शन का मैं अभिलाषी |
इस मन को बना दो काशी |
तुम दाता मेरे, मै तेरा भिखारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
कइयों को तुमने है तारा |
भवसागर पार उतारा |
कब आएगी अब मेरी बारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
झूठी ये मोह और माया |
अपनी कृपा की करदो छाया |
तुम ही हो सच्चे हितकारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
मुझ दीन को तेरा सहारा |
मैं मझदार , तुम हो किनारा |
दया सागर हो तुम मेरे बनवारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
अंत समय की हो जब बेला |
और अपनों का लगा हो मेला |
तब तुम पकड़ना बांह हमारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
तेरे चरनन पर बलिहारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
कृपा तेरी का बनु मैं अधिकारी |
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी |
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21 दिसंबर 2015
मेरे गिरधर कृष्ण मुरारी (भजन) ........हितेश कुमार शर्मा
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बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंdhanyaawaad ji
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