| जलधि की तरंग में |
| जीवन की उमंग में |
| फूलों के रंग में |
| प्रीतम के संग में |
| II आओ चलो खो जाएँ II |
| मधुर संगीत में |
| प्यार के गीत में |
| दिल के मीत में |
| अपनों की जीत में |
| II आओ चलो खो जाएँ II |
| सैनिकों के बलिदान में |
| बच्चों की मुस्कान में |
| गीता के ज्ञान में |
| भारत महान में |
| II आओ चलो खो जाएँ II |
| स्वदेश के प्यार में |
| चाँद के दीदार में |
| दूसरों के परोपकार में |
| सात्विक आहार में |
| II आओ चलो खो जाएँ II |
| सब की भलाई में |
| देश की सफाई में |
| जीवन की सच्चाई में |
| समझ की गहरायी में |
| II आओ चलो खो जाएँ II |
| प्रकृति की सुरक्षा में |
| निर्बल की रक्षा में |
| सच्चाई की परीक्षा में |
| जीवन के लक्ष्य में |
| II आओ चलो खो जाएँ II |
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26 अप्रैल 2016
II आओ चलो खो जाएँ II
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बहुत सुंदर....एक संदेशमयी रचना...
जवाब देंहटाएंVery vary thanks to all
जवाब देंहटाएंआज की बुलेटिन जोहरा सहगल जी की जयंती और ब्लॉग बुलेटिन में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
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