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6 सितंबर 2017

छम्मकछल्लो


ठाणे की एक अदालत का सराहनीय फ़ैसला  आया है,
महिला  को "छम्मकछल्लो " कहना जुर्म ठहराया है।

शब्द ,इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान होने पर
केस दर्ज़ होता है -
भारतीय दंड संहिता की धारा 509
केस   दर्ज़  हुआ  :  09 -01 -2009
आरोप - पड़ोसी पुरुष ने "छम्मकछल्लो" कहकर पड़ोसन को अपमानित किया
फ़ैसला - आरोप सही , शब्द अपमानजनक
सज़ा - अदालत उठने तक साधारण क़ैद
जुर्माना -एक  भारतीय  रुपया
केस की अवधि - साढ़े आठ साल से अधिक 
पुलिस - केस दर्ज़ नहीं किया।


अँग्रेज़ी में न  इसका समानार्थी  मिला,
पुरुष की कुंठा का प्रमाण मिला।

 मन-मस्तिष्क पर कोई शब्द कितना असरदार होता है,
ऐसा फ़ैसला 
बे-अदब गुनाहगारों के लिए बा-असर ख़बरदार होता है। 

अपने अहम को तत्क्षण तृप्त कर कहने वाला भूल जाता है,
लक्षित-श्रोता को  कटु-शब्द  पल-पल  दिन-रात  सालता है।

भाषा की समृद्धि नए शब्दों से होती है,
शब्द -प्रहार से कभी चेतना भी रोती है।

दोस्ती-दुश्मनी याद  कराते हैं शब्द,
ब्रह्माण्ड  में   संवाद  रचाते हैं  शब्द

केस लड़ने वाली महिला के धैर्य को प्रणाम ,
सबक लें , इज़्ज़त दें ,  हों  न  यों  बदनाम।

#रवीन्द्र सिंह यादव

2 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय शास्त्री जी आपका हार्दिक आभार रचना को चर्चामंच में स्थान देने के लिए।

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