मां
ममता की छांव सी
बेघर के ठांव सी
जाड़े में धूप सी
यानी अनूप सी
मां
गंगा की धार सी
बाढ़ में कगार सी
ठंड़ी बयार सी
नफरत में प्यास सी
मां
धूप में साया सी
मोहमयी माया सी
गहराई में सागर सी
प्यार भरी गागर सी
मां
दुर्दिन अपार में
निर्दयी संसार में
कष्टों की मार में
दया और दुलार सी
मां
बच्चों की जान सी
दीन और ईमान सी
घर के कल्याण सी
धरती में भगवान सी
मां
-राजेश त्रिपाठी
सुंदर......
जवाब देंहटाएंमाँ के लिये स्नेह की बहुत ही प्यारी अभिव्यक्ति है ।
जवाब देंहटाएंप्यारी सी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंMaa tujhe salaam
जवाब देंहटाएंMaa tujhe salaam
जवाब देंहटाएंMaa tujhe salaam
जवाब देंहटाएं