|
हिन्द धरा है परम वीरों की |
करूँ मैं नमन बारम्बार |
वतन के हित में जो बलि हुए |
वो भारत के हैं अमूल्य उपहार |
हैं वो बड़े भाग्यशाली |
जो वतन के लिए जान गवांते |
नहीं मिलता ऐसा नसीब सबको |
सही में वो माटी का क़र्ज़ चुकाते |
उनकी पावन चिता की राख को |
आओ निज शीश धरे हम |
उनके बलिदान को याद कर |
अश्रूं संग नयन भरे हम |
हिन्द इतिहास भरा है वीरों से |
माटी इसकी चांदी -सोना है |
बहुत हुआ अब और नहीं सहेंगे |
अब कोई वीर हमें नहीं खोना है |
जब राजनीती होती वीरों के बलिदान पर |
हर देशभक्त का मन है रोता |
निज स्वार्थ का चोला पहने |
हमदर्दी दिखाते हैं कुछ राजनेता |
वे हैं मतलबी और देशद्रोही नेता |
है उनको बारम्बार धिक्कार |
आओ सब मिलकर इनको सबक सिखाये |
ये है भारतमाता की करुण पुकार |
जागो जागो ! अब तो हिन्द के वासियो |
धरम,जाति की बेड़ियों को अब तोडना है |
देश द्रोह की भाषा बोलने वालो का |
गर्व भरा मस्तिक अब हमें फोड़ना है |
कविता मंच प्रत्येक कवि अथवा नयी पुरानी कविता का स्वागत करता है . इस ब्लॉग का उदेश्य नये कवियों को प्रोत्साहन व अच्छी कविताओं का संग्रहण करना है. यह सामूहिक
ब्लॉग है . पर, कविता उसके रचनाकार के नाम के साथ ही प्रकाशित होनी चाहिये. इस मंच का रचनाकार बनने के लिये नीचे दिये संपर्क प्रारूप का प्रयोग करें,
ब्लौग सेतु....
11 फ़रवरी 2016
हिन्द के वीर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत सुन्दर रचना । नमन शहीदों को ।
जवाब देंहटाएंलांसनायक हनुमनत्थप्पा को सादर श्रद्धांजलि ।
जय हिन्द !
जवाब देंहटाएं