फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है |
|
उनके रुख का बेपर्दा होने का क्या राज है | |
फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है | |
दिनो के बाद इस दिल ने आज ख़ामोशी तोड़ी है | |
उनका नज़र मिलाने का भी ये क्या अंदाज़ है | |
फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है | |
सूरज भी आज ठहर गया है किसी के इंतज़ार में | |
डर उसे है कि क्या चाँद उस से नाराज़ है | |
फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है | |
समझे थे कि मोहब्बत फ़ना हो गयी अपनी | |
पर अब लगता है कि ये नए सफर का आगाज है | |
फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है | |
उनकी मुस्कराहट की कीमत कोई क्या जाने , | |
ये तो हमारे दिल की धड़कन का साज है | |
फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है | |
उनका बेपर्दा हुस्न ने इस दिल को जवान रखा है | |
इसी से तो बेकाबू हुए अपने जज़्बात हैं | |
फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है | |
ये अच्छा हुआ कि अब जीने का मक़सद मिल गया | |
उनके चहरे की हंसी से ज़िंदा अपने अलफ़ाज़ हैं | |
फिर इस दिल की धड़कन ने दी आवाज़ है |
कविता मंच प्रत्येक कवि अथवा नयी पुरानी कविता का स्वागत करता है . इस ब्लॉग का उदेश्य नये कवियों को प्रोत्साहन व अच्छी कविताओं का संग्रहण करना है. यह सामूहिक
ब्लॉग है . पर, कविता उसके रचनाकार के नाम के साथ ही प्रकाशित होनी चाहिये. इस मंच का रचनाकार बनने के लिये नीचे दिये संपर्क प्रारूप का प्रयोग करें,
ब्लौग सेतु....
8 फ़रवरी 2016
दिल की धड़कन (ग़ज़ल)................हितेश कुमार शर्मा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
सुन्दर प्रेममय प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना....
जवाब देंहटाएंThanks dears
जवाब देंहटाएं