समाज को सुरक्षा का एहसास,
क़ानून की अनुपालना के लिए
मुकम्मल मुस्तैद मॉनीटर,
मज़लूमों की इंसाफ़ की गुहार ,
हों गिरफ़्त में मुजरिम-गुनाहगार ,
हादसों में हाज़िर सरकार ,
ख़ाकी को दिया ,
सम्मान और प्यार ,
अफ़सोस कि इस रंग पर ,
रिश्वत ,क्रूरता ,बर्बरता,अमानवीयता,ग़ैर-वाजिब हिंसा ,
विवेकाधिकार का दंभ ,भेदभाव का चश्मा, काला पैसा ,
सत्ता के आगे आत्मसमर्पण ,
पूँजी की चौखट पर तर्पण,
ग़रीब फ़रियादी को दुत्कार ,
आसमां से ऊँचा अहंकार ,
मूल्यों-सिद्धांतों को तिलांजलि !
दे दी शपथ को भी श्रद्धांजलि !!
इतने दाग़-धब्बों के साथ,
ख़ाक में मिल गये हैं,
ख़ाकी को मिले अलंकरण ..!!!!!!
यक़ीनन हो समर्पित
जो किये हैं धारण
ख़ाकी रंग हूबहू
उन्हें शत-शत नमन।
#रवीन्द्र सिंह यादव
हार्दिक आभार भाई कुलदीप जी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आदरणीय शास्त्री जी रचना को चर्चामंच में स्थान देने के लिए।
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना
जवाब देंहटाएंमनोबल बढ़ाने के लिए आपका हार्दिक आभार।
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