अन्धेरी निशा में नदी के किनारे
धधक कर किसी की चिता जल रही है ।
धरा रो रही है, बिलखती दिशाएँ,
असह वेदना ले गगन रो रहा है,
किसी की अधूरी कहानी सिसकती,
कि उजड़ा किसी का चमन रो रहा है,
घनेरी नशा में न जलते सितारे,
बिलखकर किसी की चिता जल रही है ।
चिता पर किसी की उजड़ती निशानी,
चिता पर किसी की धधकती जवानी,
किसी की सुलगती छटा जा रही है,
चिता पर किसी की सुलगती रवानी,
क्षणिक मोह-ममता जगत को बिसारे,
लहक कर किसी की चिता जल रही है ।
चिता पर किसी का मधुर प्यार जलता,
किसी का विकल प्राण, श्रृंगार जलता,
सुहागिन की सुषमा जली जा रही है,
अभागिन बनी जो कि संसार जलता,
नदी पार तृण पर अनल के सहारे
सिसक कर किसी की चिता जल रही है ।
अकेला चला था जगत के सफ़र में,
चला जा रहा है, जगत से अकेला,
क्षणिक दो घड़ी के लिए जग तमाशा,
क्षणिक मोह-ममता, जगत का झमेला,
लुटी जा रही हैं किसी की बहारें,
दहक कर किसी की चिता जल रही है ।
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गीत
धधक कर किसी की चिता जल रही है ।
धरा रो रही है, बिलखती दिशाएँ,
असह वेदना ले गगन रो रहा है,
किसी की अधूरी कहानी सिसकती,
कि उजड़ा किसी का चमन रो रहा है,
घनेरी नशा में न जलते सितारे,
बिलखकर किसी की चिता जल रही है ।
चिता पर किसी की उजड़ती निशानी,
चिता पर किसी की धधकती जवानी,
किसी की सुलगती छटा जा रही है,
चिता पर किसी की सुलगती रवानी,
क्षणिक मोह-ममता जगत को बिसारे,
लहक कर किसी की चिता जल रही है ।
चिता पर किसी का मधुर प्यार जलता,
किसी का विकल प्राण, श्रृंगार जलता,
सुहागिन की सुषमा जली जा रही है,
अभागिन बनी जो कि संसार जलता,
नदी पार तृण पर अनल के सहारे
सिसक कर किसी की चिता जल रही है ।
अकेला चला था जगत के सफ़र में,
चला जा रहा है, जगत से अकेला,
क्षणिक दो घड़ी के लिए जग तमाशा,
क्षणिक मोह-ममता, जगत का झमेला,
लुटी जा रही हैं किसी की बहारें,
दहक कर किसी की चिता जल रही है ।
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गीत
सरयू सिंह 'सुन्दर' की सुन्दर रचना प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह..
जवाब देंहटाएंइसी कविता को
जवाब देंहटाएंफिर से लिखने की हसरत है
शब्द वही
अर्थ वही
पर..
शैली नयी
माँगती है
इज़ाज़त
यशोदा..
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर रचना .
जवाब देंहटाएं'सुंदर'जी की प्रारंभिक रचना ('चिता', १९५३), जो प्रभावपूर्ण व मर्मस्पर्शी है!
जवाब देंहटाएंसातवीं पंक्ति में 'नशा' को 'निशा'लिखें।
रचना की प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!