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2 जनवरी 2017

अरे पाक ओ चीन.......+लोककवि रामचरन गुप्त





अरे पाक ओ चीन
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पल भर में दे तोड़ हम दुश्मन के विषदंत
रहे दुष्ट को तेग हम, और मित्र को संत।


अरि के काटें कान
हम भारत के वीर जवान
न इतनौ बोदौ बैरी जान
अड़ें हम डटि-डटि कें।

हर सीना फौलाद
दुश्मन रखियो इतनी याद
मारौ हमने हर जल्लाद
लडें हम डटि-डटि कें।

अरे पाक ओ चीन
भूमी का लै जायगौ  छीन
युद्ध की गौरव-कथा कमीन
गढ़ें हम डटि-डटि कें।

रामचरन कूं मान
हमारी ताकत कूं पहचान
फतह के जीवन-भर सोपान
चढ़ें हम डटि-डटि कें।
+लोककवि रामचरन गुप्त


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