ब्लौग सेतु....

13 फ़रवरी 2017

सफलता की बुनियाद

क्या हुआ जो तेरे पथ में शूल  हैं 
क्या हुआ जो समय  प्रतिकूल  है 
वक़्त  की  उलटी  हवाओं  में 
काली और घनघोर  घटाओं  में 
कर्मो  की  बुनियाद  पर  
सफलता के महल  बनाता  चल 
मायूसी  की  काली  रातों  में  
ख़ुशी  के  दिए  जलाता  चल 
छोटे  छोटे  लक्ष्य  जोड़  कर 
विशाल कल का  निर्माण  कर 
सूखे पत्ते आँधियों में उड़ जाते 
पर तू चट्टान है, ये  मान  कर 
मंजिल  है  तेरी  महबूबा  
कर कोशिश तू उसको पाने की 
तेरा  हौसला  तेरा  साथी  है 
जरुरत  नहीं  तुझे  ज़माने  की 
वक़्त तेरे साथ है अभी 
जीत की आदत तू डाल ले
लक्ष्य  को  खुदा  और  
कर्म  को  इबादत  बना  ले 


हितेश कुमार शर्मा 










9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन - भारत कोकिला से हिन्दी ब्लॉग कोकिला और विश्व रेडियो दिवस में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  2. वाह!!!
    छोटे छोटे लक्ष्य जोड़ कर
    विशाल कल का निर्माण कर।
    प्रेरणादायक रचना।

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  3. दिनांक 15/02/2017 को...
    आप की रचना का लिंक होगा...
    पांच लिंकों का आनंद... https://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
    आप भी इस प्रस्तुति में....
    सादर आमंत्रित हैं...

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