‘ विरोधरस ‘---4.
‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन-
+रमेशराज
-----------------------------------------------------
‘विरोध-रस’
स्थायी भाव ‘आक्रोश’
से उत्पन्न होता है और इसी स्थायी भाव आक्रोश को उद्दीप्त
करने वाले कारकों में सूदखोर में, भ्रष्ट
नौकरशाह, भ्रष्ट पुलिस,
नेता, साम्प्रदायिक
तत्वों के अतिरिक्त ऐसे अनेक कुपात्र हैं जो समाज की लाज के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
एय्याशी इनकी नसों में खून की तरह दौड़ रही है। इनके भीतर पवित्र रिश्तों की कहानी
भी हनीमून की तरह दौड़ रही है। भोग-विलासी
स्वभाव के ये लोग कलियों को मसलते हैं। इनके सोच बहिन,
बेटियों, मां,
भान्जी, भतीजी
को लेकर वासना में फिसलते हैं। कोठे के भोग-विलास
लेकर अबला, अबोध बालिकाओं
के साथ ये बलात्कार करते हैं।
दुष्ट लोगों का एक अन्य वर्ग ऐसा है जो जहर देकर
आदमियों को ट्रेनों या बसों में लूटता है। जेबें कतरता है। अटैचियां उड़ाता है। लोगों
को मूर्ख बनाता है। अपने साधुई रूप में धनवृद्धि का लालच देता है और ठगकर चला जाता
है।
धन के लोभ या लालच का संक्रामक रोग कुछ समय को
सुविधा या भोग का योग जरूर बनाता है, लेकिन
इस लालची सभ्यता के कारण जाने कितने लोगों की खुशियों का चीरहरण होता है,
इसे जानने की फुरसत किसे है। धन के लालच में डाॅक्टर
मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। सास, गरीब-बाप
की बेटी-बहू को कुलटा कुलक्षणी बता
रही है। उसे घर से बाहर निकाल रही है। उसके मां-बाप
की इज्जत उछाल रही है।
जमीन-जायदाद
के झगड़े आज आम हैं। थाने या अदालत में भाई, चाचा,
ताऊ, पिता
पर मारपीट के इल्जाम हैं। धन जुटाने की तीव्र होड़ आज एक को सम्पन्न तो एक को निचोड़
रही है। समाज या परिवार के रिश्ते-नातों
को तोड़ रही है। धन पाने के लिये कोई नकली नोट बना रहा है,
तो कोई धनिये में लीद मिला रहा है। कहीं नकली दवा का कारोबार है
तो कहीं जाली नोटों और स्टाम्पों के बलबूते आती हुई रोशनी के पीछे ठगई,
शोषण, डकैती
के माल का कमाल है। यह मकड़ी का ऐसा बुना हुआ एक ऐसा जाल है जिसके भीतर शेयर बाजार
जैसी उछाल है।
------------------------------------------------------------------
+रमेशराज की पुस्तक ‘ विरोधरस ‘ से
-------------------------------------------------------------------
+रमेशराज, 15/109, ईसानगर, अलीगढ़-202001
मो.-9634551630
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
स्वागत है आप का इस ब्लौग पर, ये रचना कैसी लगी? टिप्पणी द्वारा अवगत कराएं...