'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद' में
रमेशराज के विरोधरस के गीत
-----------------------------------------------------------------
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-1
||
-------------------------------------
" जन के बदले नेता को ले
नेता को ले , कवि
अब बोले
कवि अब बोले , खल
की भाषा
खल की भाषा में है कविता
कविता में विष ही विष अर्जन
विष अर्जन को आतुर कवि - मन |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-2
||
-------------------------------
" तम का घेरा , नहीं
सवेरा
नहीं सवेरा , सिर्फ
अँधेरा
सिर्फ अँधेरा , चहुँ
दिश दंगे
चहुँ दिश दंगे , भूखे
- नंगे
भूखे - नंगे , यम
का डेरा
यम का डेरा , तम
का घेरा | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-3
||
-------------------------------------
" खूनी पंजे , फंद
- शिकंजे
फंद - शिकंजे , छुरी
- तमंचे
छुरी - तमंचे , लेकर
कट्टा
लेकर कट्टा , दीखें
नेता
दीखें नेता मति के अन्धे
अन्धे के हैं खूनी पंजे |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-4
||
-----------------------------------
" सब कुछ मंहगा बोले नथुआ
बोले नथुआ , ये
लो बथुआ
बथुआ भी अब भाव पिचासी
भाव पिचासी , चाल
सियासी
चाल सियासी , चुन्नी
- लहंगा
चुन्नी - लहंगा , सब
कुछ मंहगा | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-5
||
-------------------------------------
" ओ री मैना ओ री मैना
मेरी बेटी ! मेरी बहना !
मेरी बहना ! जाल बिछाये
जाल बिछाये, खल
मुस्काये
खल मुस्काये , बच
के रहना
बच के रहना , ओ
री मैना ! "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-6
||
----------------------------------
" देशभक्त की लीला न्यारी
लीला न्यारी , कर
तैयारी
कर तैयारी , लूट
मचाये
लूट मचाये , जन
को खाये
जन को खाये , प्यास
रक्त की
प्यास रक्त की
, देशभक्त की |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-7
||
----------------------------------
" बनता ज्ञानी , अति
अज्ञानी
अज्ञानी की यही कहानी
यही कहानी, है
बड़बोला
है बड़बोला, केवल
तोला
केवल तोला, टन-सा
तनता
टन-सा तनता , ज्ञानी
बनता |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-8
||
----------------------------------
" कवि की कविता में खल बोले
खल बोले विष जैसा घोले
घोले सहमति में कड़वाहट
कड़वाहट से आये संकट
संकट में साँसें जन-जन
की
जन की पीड़ा रही न कवि की |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-9
||
-----------------------------------
" ब्रह्मराक्षस कैंची
छोड़ें
कैंची छोड़ें , चाकू
छोड़ें ,
चाकू छोड़ें , सिलें
पेट जब
सिलें पेट जब , होता
यह तब -
होता यह तब , झट
पड़ता पस
बने डॉक्टर , ब्रह्मराक्षस
| "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-10
||
-------------------------------------
" रात घनी है ,
दीप जला तू
दीप जला तू , क्या
समझा तू ?
क्या समझा तू ? साजिश
गहरी
साजिश गहरी , सोये
प्रहरी
सोये प्रहरी , रति
लुटनी है
रति लुटनी है , रात
घनी है | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-11
||
--------------------------------------
"
जिसको हम सब , मानें
सूरज
मानें सूरज , तेज
रहा तज
तेज रहा तज ,
इसे भाय तम
इसे भाय तम , अब
तो हर दम
हर दम इसके तम में सिसको
सिसको , सूरज
मानो जिसको | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-12
||
---------------------------------------
"
जेठ मास को , बोल न
सावन
बोल न सावन , बता कहाँ घन
?
बता कहाँ घन ? बस
लू ही लू
बस लू ही लू , कोयल
- सा तू
कोयल - सा तू अधर रास को
अधर रास को , जेठ
मास को |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-13
||
---------------------------------------
" तेज गया अब तेजपाल का
तेजपाल का , धर्म
- डाल का
धर्म - डाल का फूल सुगन्धित
फूल सुगन्धित बदबू में नित
बदबू में नित बापू का सब
बापू का सब तेज गया अब |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-14
||
----------------------------------
"
आग सरीखे हर विचार को
हर विचार को , हर
अँगार को
हर अँगार को और हवा दो
और हवा दो , क्रान्ति
बना दो
क्रान्ति बना दो ,
बन लो तीखे
बन लो तीखे , आग
सरीखे |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-15
||
--------------------------------------
"
आज क्रान्ति का राग जरूरी
राग जरूरी , आग
जरूरी ,
आग जरूरी , गमगीं
मत हो
गमगीं मत हो , भर
हिम्मत को ,
भर हिम्मत को , खल
से टकरा
राग जरूरी आज क्रान्ति का |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-16
||
-------------------------------------
" नयी सभ्यता आयी
ऐसी
आयी ऐसी , कैसी - कैसी ?
कैसी - कैसी चमक सुहानी !
जेठ संग भागे द्वौरानी
द्वौरानी ने त्यागी लज्जा
लज्जाहीना नयी सभ्यता |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-17
||
-----------------------------------
" घर के ऊपर छान न छप्पर
छान न छप्पर , वर्षा
का डर
वर्षा का डर , धूप
जलाए
धूप जलाए , ' होरी
' अक्सर
' होरी
' अक्सर , ताने
चादर
ताने चादर , घर
के ऊपर | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-18
||
------------------------------------
" कैसा योगी , नारी
रोगी !
नारी रोगी , मिलन
- वियोगी !
मिलन - वियोगी , धन
को साधे !
धन को साधे , राधे
- राधे !
राधे - राधे रटता भोगी
रटता भोगी ,
कैसा योगी ?
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-19
||
-----------------------------------
" इतना वर दो मात शारदे !
मात शारदे , हाथ
न फैले
हाथ न फैले , कभी
भीख को
कभी भीख को , अब
इतना दो
अब इतना दो , दूं
जग - भर को
दूं जग - भर को , इतना
वर दो | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-20
||
----------------------------------
" हत्यारा अब मुस्काता है
मुस्काता है , तम
लाता है
तम लाता है , देता
मातम
देता मातम , जब
हँसता यम
यम फूलों - सम लगता प्यारा
प्यारा - प्यारा अब हत्यारा | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-21
||
-------------------------------------
" आओ प्यारो ग़म को मारो
ग़म को मारो , तम
को मारो
तम को मारो , चलो
नूर तक
चलो नूर तक , दूर
- दूर तक
दूर - दूर तक , रश्मि
उभारो
रश्मि उभारो , आओ
प्यारो | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-22
||
--------------------------------------
" कबिरा - सूर संत ज्यों नरसी
नरसी , मीरा ,
दादू , तुलसी
तुलसी जैसे अब बगुला - सम
अब बगुला - सम , मीन
तकें यम
यम का धर्म सिर्फ अब ' धन
ला '
' धन ला
' बोले मीरा - कबिरा |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-23 ||
--------------------------------------
मैना बेटी , बेटी कोयल
बेटी कोयल , बेटी
सत्फल ,
बेटी सत्फल , क्रोध
न जाने
क्रोध न जाने , बातें
माने ,
बातें माने मात-पिता
की
मात-पिता
की मैना बेटी |
+रमेशराज
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-24 ||
----------------------------------
आम
आदमी जाग रहा है
जाग रहा है , भाग
रहा है
भाग रहा है खल के पीछे
खल के पीछे , मुट्ठी
भींचे
मुट्ठी भींचे, बन
चिगारी
बन चिंगारी , आम
आदमी |
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-25 ||
------------------------------------
"हरजाई
था नारी का प्रिय
प्रिय
ने बना लिया उसको तिय
तिय
के संग पिय ने धोखा कर
धोखा
कर लाया कोठे पर
कोठे
पर इज्जत लुटवाई
लुटवाई
इज्जत हरजाई | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-26 ||
-----------------------------------
"लाठी
गोली कर्फ्यू दंगा
कर्फ्यू
दंगा, जले तिरंगा
जले
तिरंगा, काश्मीर में
काश्मीर
में, नैन नीर में
नैन
नीर में, पाक ठिठोली
पाक
ठिठोली, लाठी गोली |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-27 ||
---------------------------------
"
स्वच्छ न पानी, बिजली
संकट
बिजली
संकट, राम-राम रट
राम-राम
रट, जीवन बीते
जीवन
बीते, बड़े
फजीते
बड़े
फजीते, दुखद कहानी
दुखद
कहानी, स्वच्छ न पानी
| "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-28 ||
--------------------------------------
चाकू
तनते, अब क्या हो हल
अब
क्या हो हल, मानव
पागल
मानव
पागल, जाति-धर्म में
जाति-धर्म
में, घृणा-कर्म में
घृणा-कर्म
में, हैवाँ बनते
हैवाँ
बनते, चाकू तनते |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-29
||
----------------------------------
" बादल सुख के ,
कहीं न बरसें
कहीं न बरसें, क्या
जन हर्षें ?
क्या जन हर्षें, बस
दुःख ही दुःख
बस दुःख ही दुःख, अति
मलीन मुख,
अति मलीन मुख,
उलझन पल-पल
उलझन पल-पल, दुःख
दें बादल |
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-30 ||
--------------------------------
आँखें पुरनम, बहुत
दुखी हम
बहुत दुखी
हम , कहीं खड़े यम
कहीं खड़े यम , कहीं
फटें बम
कहीं फटें बम , चीखें-मातम
चीखें-मातम
, अब ग़म ही ग़म
अब ग़म ही ग़म , चीखें-मातम
|
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-31 ||
-----------------------------------
हम
रावण-से , कौरव-दल से
कौरव-दल से , दिखते
खल से
दिखते खल से , लूटें
सीता
लूटें सीता , लिये
पलीता
लिये पलीता , फूंकें
हर दम
हर दम दुश्मन नारी के हम |
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-32 ||
-----------------------------------
खल ललकारे , पल-पल
मारे
पल-पल
मारे , जो हत्यारे
जो हत्यारे , चुन-चुन
बीने
चुन-चुन
बीने, जो दुःख दीने
जो दुःख दीने, उन्हें
सँहारे
वीर वही जो खल ललकारे |
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-33 ||
-------------------------------------
"
पीड़ा भारी, जन-जन के
मन
मन
के भीतर, सिसकन-सुबकन
सिसकन-सुबकन, दे
ये सिस्टम
सिस्टम
के यम, लूटें हरदम
हरदम
खल दें, मात करारी
मात
करारी, पीड़ा भारी ||
"
(रमेशराज )
|| 'नव कुंडलिया
'राज'
छंद'-34 ||
--------------------------------------
"
बस्ती-बस्ती, अब दबंग
रे
अब
दबंग रे, करें तंग रे
करें
तंग रे, तानें चाकू
तानें
चाकू, दिखें हलाकू
दिखें
हलाकू, जानें सस्ती
जानें
सस्ती, बस्ती-बस्ती |
"
(रमेशराज )
-----------------------------------------------------------
रमेशराज,
15/109, ईसानगर, अलीगढ-२०२००१
मो.-९६३४५५१६३०
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