'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद' में
रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
-----------------------------------------------------------------
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-1
||
-------------------------------------
दिन अच्छे सुन बच्चे आये
दिन अच्छे सुन बच्चे आये
आये लेकर बढ़े किराये
,
बढ़े किराए , डीजल
मंहगा
डीजल मंहगा , हर
फल मंहगा ,
हर फल मंहगा समझे बच्चे
बच्चे मान इन्हें दिन अच्छे
|
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-2 ||
----------------------------------
दिन अच्छे आये हैं कैसे
कैसे जियें बताओ ऐसे
,
ऐसे ही यदि बढ़ीं कीमतें
बढ़ीं कीमतें , बढ़ीं
आफ़तें,
बढ़ीं आफ़तें , बनकर
डाइन
आये हैं कैसे अच्छे दिन !!
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-3 ||
--------------------------------------
खेले
नेता कैसी होली
कैसी होली , दाग़े
गोली
दाग़े गोली वोटों वाली
वोटों वाली , नोटों
वाली
नोटों वाली रँग की वर्षा
कैसी होली खेले नेता
?
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-4 ||
---------------------------------
नेता के हाथों में कट्टा
कट्टा , घर
डालर का चट्टा
चट्टा लगा बने जनसेवक
जनसेवक पर चील बाज वक
चील बाज वक सा ही कुनबा
कुनबा के संग हंसता नेता
|
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-5 ||
--------------------------------------
गन्ना खट्टा राजनीति का
राजनीति का , छद्म
प्रीति का
छद्म प्रीति का खेल-तमाशा
खेल-तमाशा
करता नेता
नेता धमकाता ले कट्टा
राजनीति का गन्ना खट्टा
|
--रमेशराज --
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-6 ||
----------------------------
"
शासन का ये कैसा बादल ?
बादल
बढ़ा रहा है मरुथल,
मरुथल
निगल गया खुशहाली
खुशहाली
से जन-जन खाली,
खाली
झोली मिले न राशन
राशन
लूट ले गया शासन | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-7 ||
-------------------------------------
" अजब व्यवस्था,
हालत खस्ता
हालत खस्ता, दिखे
न रस्ता,
दिखे
न रस्ता, लुटता जन-जन
जन-जन
का दुःख लखे शासन,
शासन
मूक-वधिर हलमस्ता
हलमस्ता
की अजब व्यवस्था ! "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-8 ||
-------------------------------------
" नेता बोले,
वोट हमें दो
वोट
हमें दो, नोट हमें दो
नोट
हमें दो, तर जाओगे
तर
जाओगे, सब पाओगे
सब
पाओगे, रम-रसगोले
रम-रसगोले,
नेता बोले | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-9 ||
------------------------------------
"
लूटें जन की खुशियाँ सब दल
दल-दल
में हैं, अब खल ही खल,
अब
खल ही खल, अति
उत्पाती
अति
उत्पाती, अति आघाती,
अति
आघाती जन को कूटें
जन
को कूटें, खुशियाँ
लूटें | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-10 ||
-----------------------------------
"आँखें
पुरनम, बहुत दुखी हम
बहुत
दुखी हम, कहीं खड़े यम,
कहीं
खड़े यम, कहीं फटें बम
कहीं
फटें बम, चीखें-मातम,
चीखें-मातम,
अब ग़म ही ग़म
अब
ग़म ही ग़म, आँखें
पुरनम | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-11 ||
-------------------------------------
"
आज़ादी के सपने खोये
सपने खोये , जन
- जन रोये ,
जन - जन रोये
, अब क्या होगा ?
अब क्या होगा , क्रूर
दरोगा !
क्रूर दरोगा संग खादी के
सपने खोये आज़ादी के |
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-12
||
-------------------------------------
" सत्ता का मद आज
बोलता
आज बोलता , जहर
घोलता
जहर घोलता , जन
जीवन में
जन जीवन में , जल
में वन में
जल में वन में
, नेता के पद
नेता के पद, सत्ता का मद
| "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-13
||
---------------------------------------
माँगे
रिश्वत बाबू - अफसर
बाबू - अफसर , भारी
जन पर ,
भारी जन पर , नित
गुर्राए
नित गुर्राए , काम
न आये
काम न आये , देखो
जुर्रत
देखो जुर्रत , माँगे
रिश्वत | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-14
||
-------------------------------------
"
सत्ता का मद आज बोलता
आज बोलता , जहर
घोलता
जहर घोलता , जन
जीवन में
जन जीवन में , जल
में वन में
जल में वन में
, नेता के पद
नेता के पद, सत्ता का मद
| "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-15
||
------------------------------------
"
तोड़े छत्ता, शहद
निचोड़े
शहद निचोड़े , कम्बल
ओढ़े
कम्बल ओढ़े , धुंआ
करे नित
धुंआ करे नित , हो
आनन्दित
हो आनन्दित , जिसकी
सत्ता
जिसकी सत्ता , तोड़े छत्ता |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-16
||
-----------------------------------
" नेताजी के रूप निराले
रूप निराले , मद
को पाले
मद को पाले , तनिक
न डरते
तनिक न डरते , फायर
करते
फायर करते , काम
न नीके
काम न नीके , नेताजी
के | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-17
||
-----------------------------------
जन
को खाएं , मौज
उड़ायें
मौज उड़ायें , ईद
मनाएं
ईद मनाएं नेता - अफसर
नेता - अफसर , धन
- परमेश्वर
धन - परमेश्वर अति मुस्काएं
अति मुस्काएं , जन को खाएं |
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-18
||
---------------------------------------
मत जा प्यारे , अफवाहों
पर
अफवाहों पर , इन
राहों पर
इन राहों पर , वोट
- सियासत
वोट - सियासत , छल
का अमृत
छल का अमृत जन - संहारे
जन - संहारे , मत
जा प्यारे |
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-19
||
-----------------------------------
हरदम अब तो सत्ता के यम
यम गम देते चीखें मातम ,
मातम से हम उबरें कैसे
कैसे हल निकलेंगे ऐसे ?
ऐसे में बदलो ये सिस्टम
सिस्टम लूट रहा है हरदम |
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-20
||
-----------------------------------
" धन पशुओं को पुष्ट करें सब
पुष्ट करें सब ये नेता अब
ये नेता अब , जन
को लूटें
जन को लूटें , मारें
- कूटें
मारें - कूटें अति
निर्बल जो
पुष्ट करें सब धन पशुओं को |
"
(रमेशराज )
|| 'नव कुंडलिया
'राज'
छंद'-21 ||
-----------------------------------
"छल
के माला, सच को ठोकर
ठोकर
मारे पल-पल जोकर,
जोकर
जिसकी कायम सत्ता
सत्ता
जो शकुनी का पत्ता,
पत्ता
चल करता सब काला
काला
डाले छल के माला | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-22
||
--------------------------------------
" जनता चुनती जाति - रंग को
जाति - रंग को , अति
दबंग को
अति दबंग को जीत मिले जब
जीत मिले जब , मद
में हो तब
मद में हो तब , नादिर
बनता
नादिर बनता , कटती
जनता | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-23
||
----------------------------------------
" सदविचार सदनीति
यही अब
अब बन डाकू हम सबके सब
हम सबके सब कुण्डल छीनें
कुण्डल छीनें , मारें
मीनें
मारें मीनें कर ऊंचा कद
कद का भोग - विचार बना सद |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-24
||
--------------------------------------
" कर परिवर्तन , बहुत
जरूरी
बहुत जरूरी , दुःख
से दूरी
दुःख से दूरी तब होगी हल
तब होगी हल , चुनें
वही दल
चुनें वही दल, खुश
हो जन - जन
खुश हो जन - जन , कर
परिवर्तन | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-25
||
----------------------------------
" सद विरोध पर पल - पल हमले
हमले किये असुर ने - खल ने
खल ने चाही वही व्यवस्था
वही व्यवस्था , दीन
अवस्था
दीन अवस्था में हो हर स्वर
स्वर पर चोटें सद विरोध पर |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-26
||
--------------------------------------
" इस सिस्टम पर चोट किये जा
चोट किये जा , वीर
बढ़े जा
वीर बढ़े जा
, ला परिवर्तन
ला परिवर्तन , दुखी
बहुत जन
दुखी बहुत जन , मातम
घर - घर
चोट किये जा इस सिस्टम पर | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-27
||
" वीर वही है लड़े दीन-हित
लड़े दीन-हित
, तुरत करे चित ,
तुरत करे चित , उस
दुश्मन को
उस दुश्मन को , दुःख
दे जन को ,
जन को सुख हो , नीति
यही है
लड़े दीन-हित ,
वीर वही है |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-28
||
-------------------------------------------
"सौदागर हैं ये इज्जत के
ये इज्जत के , धन-दौलत
के
धन-दौलत के
, नत नारी के
नत नारी के , औ
' कुर्सी के
कुर्सी पर ये ज्यों अजगर हैं
ज्यों अजगर हैं , सौदागर
हैं | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-29
||
----------------------------------
" सपने खोये आज़ादी के
आज़ादी के , उस खादी
के
उस खादी के , जंग
लड़ी जो
जंग लड़ी जो , सत्य
- जड़ी जो
जो थी ओजस , तम
को ढोए
आज़ादी के सपने खोये |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-30
||
----------------------------------
" जाति-धरम
के लेकर नारे
लेकर नारे , अब
हत्यारे
अब हत्यारे , जन
को बाँटें
जन को बाँटें , मारें-काटें
काटें जन को वंशज यम के
लेकर नारे जाति-धरम
के | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-31
||
----------------------------------
" घर लूटा घर के चोरों ने
चोरों ने, आदमखोरों
ने
आदमखोरों ने सज खादी
खादी सँग पायी आज़ादी
आज़ादी में गुंडे बनकर
करते ताण्डव आकर घर-घर |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-32
||
----------------------------------
" अजब रंग है आज सियासी
आज सियासी , बारहमासी
बारहमासी व्यभिचारों की
व्यभिचारों की , व्यापारों
की
व्यापारों की , सेक्स
सन्ग है !
सेक्स सन्ग है !, अजब
रन्ग है | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-33
||
----------------------------------
" नेता चाहे , चकलाघर
हों
चकलाघर हों , सब
लोफर हों
सब लोफर हों , लोकतंत्र
में
लोकतंत्र में , इसी
मन्त्र में
इसी मन्त्र में , चले
व्यवस्था
चले व्यवस्था , चाहे
नेता | "
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-34
||
----------------------------------
" पांच साल के बाद मदारी
बाद मदारी, कर
तैयारी
कर तैयारी , करे
तमाशा
करे तमाशा , बन्दर
नाचे
बन्दर नाचे , कर-कर
वादे
कर-कर वादे
, पांच साल के |
"
(रमेशराज )
|| 'नव
कुंडलिया 'राज'
छंद'-35
||
----------------------------------
" राजा ने की यही व्यवस्था
यही व्यवस्था, यौवन
सस्ता
सस्ता ब्लू फिल्मों का सौदा
सौदा ऐसा जिसमें नेता
नेता चाहे नव शहजादी
यही व्यवस्था राजा ने की |
"
(रमेशराज )
-----------------------------------------------------------
रमेशराज,
15/109, ईसानगर, अलीगढ-२०२००१
मो.-९६३४५५१६३०
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