**रमेशराज की तेवरी**
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तेरा मन विष की पुड़िया है
तू देगा मिसरी घोल, मत बोल |
तू करे न सीता की रक्षा
तेरा रावण का रोल, मत बोल |
बल निर्बल को देती करुणा
होती है घृणा अमोल, मत बोल |
तू सिर्फ बिकाऊ चीज बना
तू क्या खोलेगा पोल, मत बोल |
तू खुद है एक पहेली-सा
देगा उत्तर तू गोल, मत बोल |
+रमेशराज
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