**रमेशराज की तेवरी**
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मत प्रश्न पूछियो ‘ विक्रम ‘ से
चुप ही रहियो ‘ वैताल ‘ | फ़िलहाल ||
कहकर कूंए में ‘ लाल दवा ‘
वो भांग रहा है डाल | फ़िलहाल ||
इस युग के ये हैं धर्मराज
पर यक्ष न करे सवाल | फ़िलहाल ||
इसका ही नाम सुशासन है
बढ़ने हैं और दलाल | फ़िलहाल ||
क्यों जनता का हक़ मांग रहा
खिंचनी है तेरी खाल | फ़िलहाल ||
+रमेशराज
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