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22 मई 2017

रमेशराज 6 चतुष्पदियाँ





रमेशराज 6 चतुष्पदियाँ 
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1. 
नेता बाँट रहे हैं नोट
सोच-समझ कर देना वोट
कल मारेंगे तुझको लात
आज रहे जो पांवों लोट |
+रमेशराज
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2.  
पी पऊआ, नाली में लोट
दे बेटा गुंडों को वोट,
यही चरेंगे गद्दी बैठ
तेरे हिस्से के अखरोट |
+रमेशराज  

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3.
भारत माता भारत माता भारत माता की जै रे
कमरतोड़ महगाई से तू थोड़ी-सी राहत दै रे ,
सँग भारत माता के तेरी भी जय-जय हम बोलेंगे
लालाजी नहीं अरे जनता की सुख से झोली भरी दै रे |
+रमेशराज    
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4.
हमको सत्ता-धर्म निभाना अच्छा लगता है
आज अदीबों को गरियाना अच्छा लगता है,
कहने को हम कवि की दम हैं बाल्मीकि के वंशज पर
कवि-कुल को गद्दार बताना अच्छा लगता है |
+रमेशराज
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5.
सच्चे को मक्कार बताने का अब मौसम है
गर्दन को तलवार बताने का अब मौसम है ,
जनता की रक्षा को आतुर अरे जटायू सुन
तुझको भी गद्दार बताने का अब मौसम है |
+रमेशराज
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6.
गिरगिट जैसे रन्ग बदलने का अब मौसम है
सच के मुँह पर कालिख मलने का अब मौसम है,
पुरस्कार लौटाकर तू गद्दार कहाएगा
बाजारू सिक्कों में ढलने का अब मौसम है |

+रमेशराज
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15/109, ईसानगर, अलीगढ़ 
मो.-९६३४५५१६३०

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर अति सुंदर....
    आभार आदरणीय सर आप का....

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  2. दिनांक 24/05/2017 को...
    आप की रचना का लिंक होगा...
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
    आप की प्रतीक्षा रहेगी...

    जवाब देंहटाएं
  3. नेता बाँट रहे हैं नोट
    सोच-समझ कर देना वोट
    कल मारेंगे तुझको लात
    आज रहे जो पांवों लोट |
    "सत्यता के पट खोलती ,चंद शब्दों में बोलती देश की हालत" आभार।"एकलव्य"

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