|| वर्णिक छंद में तेवरी ||
+राजभा राजभा राजभा राजभा +
छंद से मिलती जुलती बहर –फ़ायलुन फ़ायलुन फ़ायलुन फ़ायलुन
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आपने नूर की क्या नदी लूट ली
गीत के नैन की रोशनी लूट ली |
क्या यही आपकी है समालोचना
शब्द के अर्थ की ज़िन्दगी लूट ली |
ऐ कहारों कहो क्या हुआ हादिसा
आपने तो नहीं पालकी लूट ली |
पांडवो आज भी आपकी भूल से
कौरवों ने सुनो द्रौपदी लूट ली |
+रमेशराज
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