तेवरी
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सूखा का कोई हल देगा
मत सोचो बादल जल देगा
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जो वृक्ष सियासत ने रोपा
ये नहीं किसी को फल देगा
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बस यही सोचते अब रहिए
वो सबको राहत कल देगा
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ये दौर सभी को चोर बना
सबके मुख कालिख मल देगा
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वो अगर सवालों बीच घिरा
मुद्दे को तुरत बदल देगा
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उसने हर जेब कतर डाली
वो बेकल को क्या कल देगा
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+रमेशराज
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